अगला फ़ुटबॉल विश्व कप अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा में आयोजित किया जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद इन पड़ोसी देशों के साथ अमेरिका के संबंध बिगड़ गए हैं। ट्रंप ने विदेशी उत्पादों पर भारी शुल्क लगा दिया है। हालांकि, उनका मानना है कि इससे विश्व कप आयोजन में कोई समस्या नहीं होगी। बल्कि, उनका दावा है कि यह “शुल्क युद्ध” फ़ुटबॉल विश्व कप के रोमांच को और बढ़ा देगा।
विश्व कप के लिए टास्क फोर्स का गठन
विश्व कप के सफल आयोजन के लिए व्हाइट हाउस ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता खुद राष्ट्रपति ट्रंप कर रहे हैं। हाल ही में, फीफा अध्यक्ष जियान्नी इन्फैंटिनो ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में ट्रंप से मुलाकात की। इस बैठक में ट्रंप ने टास्क फोर्स की आधिकारिक घोषणा की। यह टास्क फोर्स मुख्य रूप से विश्व कप की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेगी और आयोजन के अन्य पहलुओं पर भी नजर रखेगी। ट्रंप ने फीफा अध्यक्ष को भरोसा दिलाया कि वे सब कुछ बेहतरीन तरीके से आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं।
विश्व कप का आयोजन और मैचों का वितरण
अगले विश्व कप में कुल 48 टीमें हिस्सा लेंगी। 104 मैचों में से 78 अमेरिका में खेले जाएंगे, जबकि मेक्सिको और कनाडा में 13-13 मैच आयोजित होंगे। लेकिन, तीन देशों के बीच चल रहे इस “शुल्क युद्ध” को लेकर फीफा अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त की। इस पर ट्रंप ने इन्फैंटिनो को आश्वस्त करते हुए कहा, “तनाव तो अच्छी चीज़ है, इससे विश्व कप का रोमांच और भी बढ़ जाएगा।”
अमेरिका की नई शुल्क नीति और पड़ोसी देशों की नाराज़गी
दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने ऐलान किया कि जो भी देश अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाएगा, उनके उत्पादों पर भी 35% शुल्क लगाया जाएगा। इस नीति के तहत, ट्रंप प्रशासन ने मेक्सिको और कनाडा के उत्पादों पर 25% शुल्क लगाया, जिससे दोनों पड़ोसी देश अमेरिका से नाराज़ हैं।